मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। मैंने इस विषय मेल भी... मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। ...
परिधि उसकी आंँखों में हल्की-सी नमी देख लेती है। परिधि उसकी आंँखों में हल्की-सी नमी देख लेती है।
इसी दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के इंसान रहते है। जाने राह में कब किससे भेट हो जाए। इसी दुनिया में अच्छे और बुरे दोनों तरह के इंसान रहते है। जाने राह में कब किससे भ...
आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना। आंटी मैं कह रहा था कि, आप इसको काढ़ा बना कर दे देतीं ना।
परिधि जब चुप ही नहीं होती तो प्रतीक उसे अपनी बांहों में खींच लेता है परिधि जब चुप ही नहीं होती तो प्रतीक उसे अपनी बांहों में खींच लेता है
उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी। उसकी हर याद में, हर धड़कन में बचपन से ही बस परिधि ही समाई थी।